राष्‍ट्रीय

विदेश मंत्री S Jaishankar ने ट्रूडो की दोहरी नीति का किया खुलासा

विदेश मंत्री S. Jaishankar ने भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यह स्पष्ट किया है कि कनाडा एक दोहरा मापदंड अपनाता है। उन्होंने कहा कि कनाडा को तब कोई समस्या नहीं होती जब उनके राजनयिक भारत में हमारी सेना और पुलिस के बारे में जानकारी एकत्र करते हैं, लेकिन जब भारतीय राजनयिक वहां अपनी ड्यूटी निभाते हैं, तो उन पर पाबंदियां लगा दी जाती हैं।

यह कनाडा का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है? Jaishankar ने यह भी कहा कि आज दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं और विश्व में शक्ति संतुलन का भी परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में पश्चिमी देशों को यह बदलाव हजम नहीं हो रहा है, लेकिन हर पश्चिमी देश एक जैसा नहीं है।

राजनयिकों को वापस क्यों बुलाया गया?

Jaishankar ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान यह बताया कि आखिर क्यों भारत ने अपने राजनयिकों को कनाडा से वापस बुलाया। उन्होंने कहा, “1980 में कनाडा से उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के विमान को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंध एक अलग दिशा में चले गए। हाल ही में कनाडा के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने हमारे उच्चायुक्त को पुलिस जांच के अधीन करने की मांग की थी।”

भारत सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया और इसके बाद छह राजनयिकों, जिनमें हमारे उच्चायुक्त भी शामिल थे, को वापस बुला लिया गया।

Jaishankar ने आगे कहा कि आज भारत और चीन जैसे बड़े देश अपनी राय और दृष्टिकोण को प्रमुखता से प्रस्तुत कर रहे हैं। यही कारण है कि पश्चिमी देशों और हमारे बीच संघर्ष हो रहा है। लेकिन हर पश्चिमी देश ऐसा नहीं है। जब भी मैं अमेरिका या यूरोप जाता हूं, वहां के लोग भारत के साथ काम करने की अहमियत को समझते हैं, लेकिन कनाडा में यह बात सुनाई नहीं देती।

पश्चिमी देश बढ़ते प्रभाव को सहन नहीं कर पा रहे

विदेश मंत्री ने कहा कि आज पश्चिमी देश भारत जैसे बड़े देशों के बढ़ते प्रभाव को सहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज दुनिया का शक्ति संतुलन बदल रहा है और पश्चिमी देश इस नए शक्ति संतुलन को पचाने में असमर्थ हैं। हालांकि, यह हर पश्चिमी देश पर लागू नहीं होता। कई पश्चिमी देश भारत के साथ काम करने के महत्व को समझते हैं।”

विदेश मंत्री S Jaishankar ने ट्रूडो की दोहरी नीति का किया खुलासा

Jaishankar ने इस बात पर जोर दिया कि जब भी वह अमेरिका या यूरोप के देशों में जाते हैं, वहां के नेता और अधिकारी यह समझते हैं कि भारत के साथ सहयोग करना कितना महत्वपूर्ण है। हालांकि, कनाडा में इस प्रकार की बातें सुनने को नहीं मिलती हैं।

ट्रूडो ने लगाए झूठे आरोप

कनाडा के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के संबंध पूरी तरह से खराब हो गए। दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सीधे तौर पर भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। हालांकि, कनाडा सरकार अब तक इस आरोप को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है।

इन झूठे आरोपों के बाद भारत ने अपने राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया और बदले में कनाडाई राजनयिकों को भी भारत से निष्कासित कर दिया गया।

कनाडा का दोहरा मापदंड

Jaishankar ने कनाडा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अगर यह कनाडा का दोहरा मापदंड नहीं है, तो और क्या है? उन्होंने कहा कि कनाडा को तब कोई परेशानी नहीं होती जब उनके राजनयिक भारत में हमारी सेना और पुलिस के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं, लेकिन जब हमारे राजनयिक कनाडा में अपनी ड्यूटी निभाते हैं, तो उनके खिलाफ पाबंदियां लगा दी जाती हैं।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि आज का दौर बदलाव का है और विश्व में शक्ति संतुलन तेजी से बदल रहा है। ऐसे में कुछ पश्चिमी देशों के लिए इस बदलाव को स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। लेकिन हर पश्चिमी देश ऐसा नहीं है।

भविष्य के कूटनीतिक संबंध

Jaishankar ने कहा कि भारत अब अपनी शर्तों पर अपने कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ा रहा है। दुनिया के अन्य देशों के साथ संबंध बनाए रखने में अब भारत पहले से कहीं अधिक सक्षम हो गया है। उन्होंने कहा कि यह समय अब ऐसा है कि हर बड़ा देश अपनी बात रखने में सक्षम है और दुनिया के अन्य देश इसका सम्मान कर रहे हैं।

Jaishankar ने यह भी कहा कि भारत के बढ़ते कूटनीतिक और आर्थिक प्रभाव को अब कोई भी नकार नहीं सकता। आने वाले समय में भारत दुनिया के प्रमुख देशों में से एक होगा और इसके कूटनीतिक संबंध भी नए स्तर पर पहुंचेंगे।

इस तरह, भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच Jaishankar ने यह साफ कर दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा, चाहे वह किसी भी देश के साथ संबंध हों।

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